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स्वगत

क्या पड़ा है मानने में? मानो। अपनी गलती मानो। ऊँह! मैंने किया ही क्या है जो मैं अपनी गलती मानूँ! जिन्होंने सचमुच पाप किए हैं वे स्वीकार करें। मेरे जैसा जीवन बहुत लोगों का है। क्या वे मान रहे हैं? जब वे सारे लोग अपने जीवन के बारे में नहीं सोच रहे तो मैं क्यों […]