सेवाग्राम | ऋतुराज

सेवाग्राम | ऋतुराज

सेवाग्राम | ऋतुराज सेवाग्राम | ऋतुराज कई तरह के समय थेवे लोग सबके दस्तावेजतैयार करने में लगे थेकुछ ही पढ़े जाने थे मेरे समय में दूसरों के समय नेप्राणघातक चीरा लगायाउनकी खबरों ने मारकाट कीविवश एक लड़की का समय थाजिसमें चीरफाड़ करते रहेखबरनवीस और राजनीतिज्ञउन राजनीतिज्ञों के समय मेंहोती रहीं परमविशिष्ट हवाई यात्राएँदौड़ती रहीं रेलें … Read more

शरीर | ऋतुराज

शरीर | ऋतुराज

शरीर | ऋतुराज शरीर | ऋतुराज सारे रहस्‍य का उद्घाटन हो चुका औरतुम में अब भी उतनी ही तीव्र वेदना हैआनंद के अंतिम उत्‍कर्ष की खोज केसमय की वेदना असफल चेतना केनिरवैयक्तिक स्‍पर्शों की वेदना आयु केउदास निर्बल मुख की विवशता की वेदना अभी उस प्रथम दिन के प्राण की स्‍मृतिशेष है और बीच के … Read more

लहर | ऋतुराज

लहर | ऋतुराज

लहर | ऋतुराज लहर | ऋतुराज द्वार के भीतर द्वारद्वार और द्वारऔर सबके अंत में एक नन्हीं मछलीजिसे हवा की जरूरत हैप्रत्येक द्वारमें अकेलापन भरा हैप्रत्येक द्वार मेंप्रेम का एक चिह्न हैजिसे उल्टा पढ़ने पर मछलीमछली नहीं रहती है आँख हो जाती हैआँखआँख नहीं रहती हैआँसू बनकर चल देती है बाहरहवा की तलाश में

राजधानी में | ऋतुराज

राजधानी में | ऋतुराज

राजधानी में | ऋतुराज राजधानी में | ऋतुराज अचानक सबकुछ हिलता हुआ थम गया हैभव्‍य अश्‍वमेघ के संस्‍कार मेंघोड़ा ही बैठ गया पसरकरअब कहीं जाने से क्‍या लाभ ? तुम धरती स्‍वीकार करते होविजित करते हो जनपद पर जनपदलेकिन अज्ञान, निर्धनता और बीमारी के ही तो राजा हो लौट रही हैं सुहागिन स्त्रियाँगीत नहीं कोई … Read more

माँ का दुःख | ऋतुराज

माँ का दुःख | ऋतुराज

माँ का दुःख | ऋतुराज माँ का दुःख | ऋतुराज कितना प्रामाणिक था उसका दुःखलड़की को दान में देते वक्तजैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो लड़की अभी सयानी नहीं थीअभी इतनी भोली सरल थीकि उसे सुख का आभास होता थालेकिन दुःख बाँचना नहीं आता थापाठिका थी वह धुँधले प्रकाश कीकुछ तुकों और लयबद्ध पंक्तियों की … Read more

परिसर | ऋतुराज

परिसर | ऋतुराज

परिसर | ऋतुराज परिसर | ऋतुराज जंगली फूलों ने लॉन के फूलों सेपूछा, बताओ क्या दुःख हैक्यों सूखे जा रहे होदिन प्रतिदिन मरे जा रहे हो!! पीले, लाल, जामुनी, सफेद, नीलेपचंरगे फूल बड़ी शान सेबिना पानी सड़क के किनारेसूखे में खिल रहे थेहर आते-जाते से बतिया रहे थेडरते नहीं थे सर्र से निकलतेसाँप सेड्रोंगो के … Read more

नागार्जुन सराय | ऋतुराज

नागार्जुन सराय | ऋतुराज

नागार्जुन सराय | ऋतुराज नागार्जुन सराय | ऋतुराज महानता के आश्रयस्थलयदि होते हों तो इसी तरहविनम्र और खामोश रहकरप्रतिमाएँ अपना स्नेहप्रकट करती रहेंगी देखो न, यह पूँछ-उठौनीनन्हीं चिड़ियाकिस बेफिक्री सेबैठी है नागार्जुन के सिर पर अरी, तू जानती है इन्हें?कब तेरा इनसे परिचय हुआ?बाबा तो हैं पर क्यातेरी पूँछ को पता हैस्पर्श करते ही सिर … Read more

दर्शन | ऋतुराज

दर्शन | ऋतुराज

दर्शन | ऋतुराज दर्शन | ऋतुराज आदमी के बनाए हुए दर्शन मेंदिपदिपाते हैं सर्वशक्तिमानउनकी साँवली बड़ी आँखों मेंकुछ प्रेम, कुछ उदारता, कुछ गर्वीलापन है भव्य वह भी कम नहीं हैजो इंजीनियर हैइस विराट वास्तुशिल्प का दलित की दृष्टि में कौतुक हैदोनों पक्षों कि लिएयानी प्रभु की सत्ता औरबुर्जुआ के उदात्त के लिएएक अवाक जिज्ञासा है … Read more

जब हम नहीं रहेंगे | ऋतुराज

जब हम नहीं रहेंगे | ऋतुराज

जब हम नहीं रहेंगे | ऋतुराज जब हम नहीं रहेंगे | ऋतुराज सड़क का कर्ज था शिरीषों परनिर्जन पगडंडी के बजाएसाफ-सुथरा रास्ता सब के लिएऔर लो, जो तुम बीच मेंअड़े होअपना सर्वस्व दे दोदूसरों के लिए इससे पहले कि धड़ अलग होंगेफूटने दो फलियाँ फैलने दो बीजकि चारों तरफ शिरीष-संतति रहेभले ही हम न होंन … Read more

छात्रावास में कविता-पाठ | ऋतुराज

छात्रावास में कविता-पाठ | ऋतुराज

छात्रावास में कविता-पाठ | ऋतुराज छात्रावास में कविता-पाठ | ऋतुराज कोई पच्चीस युवा थे वहाँसीटी बजी और सबके सबएकत्रित हो गए कौन कहता है कि वेकुछ भी सुनना-समझना नहीं चाहतेवे चाहते हैं दुरुस्त करनासमय की पीछे चलती घड़ी कोधक्का देना चाहते हैंलिप्साओं के पहाड़ पर चढ़ेसत्तासीनों को नीचे कहाँ हुई हिंसा?किसने विद्रोह किया झूठ से?भ्रम … Read more