Posted inPoems

सेवाग्राम | ऋतुराज

सेवाग्राम | ऋतुराज सेवाग्राम | ऋतुराज कई तरह के समय थेवे लोग सबके दस्तावेजतैयार करने में लगे थेकुछ ही पढ़े जाने थे मेरे समय में दूसरों के समय नेप्राणघातक चीरा लगायाउनकी खबरों ने मारकाट कीविवश एक लड़की का समय थाजिसमें चीरफाड़ करते रहेखबरनवीस और राजनीतिज्ञउन राजनीतिज्ञों के समय मेंहोती रहीं परमविशिष्ट हवाई यात्राएँदौड़ती रहीं रेलें […]