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हर गंगे | पूर्णिमा वर्मन

हर गंगे | पूर्णिमा वर्मन हर गंगे | पूर्णिमा वर्मन नैया डोलेबगुले बोलेहर हर गंगे, हर गंगे ! बजी घंटियाँ हुई आरतीसुबह हो गई काशी मेंनई नई हलचल हो आईगाय गली संन्यासी मेंगुमटी खोलेदूध उड़ेलेहर हर गंगे, हर गंगे ! हलवाई की खुली दुकानेंचाय चली कुल्हड़ वालीअखबारों के पन्ने खोलेबहस जमी हुल्लड़ वालीगरम चाय केहंडे […]