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संस्कृति | लाल सिंह दिल

संस्कृति | लाल सिंह दिल संस्कृति | लाल सिंह दिल तू क्या हैक्यों चेहरा छुपाया है?पर्दे में चलती है क्यों?क्यों नाखून भी छुपाए हैं?आखिर तू है कौन?उस आदमी को कहीं देखोजो दिन-रात भारी रथ खींचता हैउसके कानों में सदियों से ढला सिक्का हैउसके शरीर पर उन चाबुकों के निशान हैंजिन्हें लगाते रहे रजवाड़े, कहीं के […]