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मृत-कथा | जयशंकर

मृत-कथा | जयशंकर – Mrt-Katha मृत-कथा | जयशंकर बरसाली में सर्दियाँ कुछ ज्यादा वक्त तक बनी रहती हैं। मार्च आते-आते तक रातें सर्द बनी रहती हैं। मार्च के दिनों के आसमान की लीला देखने के लिए जब मैं रेलवे इंस्टीट्यूट के पड़ोस के स्टेज पर बैठा रहता हूँ, तब अपनी नीले रंग की शॉल का […]