हास्यरस | ज्ञानरंजन

हास्यरस | ज्ञानरंजन

हास्यरस | ज्ञानरंजन – Hasyaras हास्यरस | ज्ञानरंजन लगभग आधे घंटे में कारवाई पूरी हो गई और हम लोग रजिस्ट्रार के कमरे से बाहर निकल आए। तीन मित्र जिन्होंने गवाही दी, पत्नी, और मुझे लेकर, हम पाँच लोग हैं। बाहर निकलते ही मैंने अपने को दूसरा और पराजित अनुभव किया। प्रेम समाप्त हो चुका है … Read more

रचना प्रक्रिया | ज्ञानरंजन

रचना प्रक्रिया | ज्ञानरंजन

रचना प्रक्रिया | ज्ञानरंजन – Rachana Prakriya रचना प्रक्रिया | ज्ञानरंजन उन दिनों अपनी हालत काफी खस्ता हो चुकी थी। उधर शहर भी तेजी से बुढ़ौती की तरफ ढल रहा था। उसकी रोशनियाँ पीली पड़ चुकी थीं और उम्मीद नहीं थी कि अब वह कोई नया मोड़ ले सकेगा। मुझे खास अपने से ही ताल्लुक … Read more

फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन

फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन

फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन – Phens Ke Idhar Aur Udhar फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन हमारे पड़ोस में अब मुखर्जी नहीं रहता। उसका तबादला हो गया हैं। अब जो नये आये हैं, हम से कोई वास्ता नहीं रखते। वे लोग पंजाबी लगते हैं, या शायद पंजाबी न भी हों। कुछ … Read more

पिता | ज्ञानरंजन

पिता | ज्ञानरंजन

पिता | ज्ञानरंजन – Pita पिता | ज्ञानरंजन उसने अपने बिस्तरे का अंदाज लेने के लिए मात्र आध पल को बिजली जलाई। बिस्तरे फर्श पर बिछे हुए थे। उसकी स्त्री ने सोते-सोते ही बड़बड़ाया, ‘आ गए’ और बच्चे की तरफ करवट लेकर चुप हो गई। लेट जाने पर उसे एक बड़ी डकार आती मालूम पड़ी, … Read more

छलाँग | ज्ञानरंजन

छलाँग | ज्ञानरंजन

छलाँग | ज्ञानरंजन – Chhalang छलाँग | ज्ञानरंजन श्रीमती ज्वेल जब यहाँ आकर बसीं तो लगा कि मैं, एकबारगी और एकतरफा, उनसे फँस गया हूँ और उन्हें छोड़ नहीं सकता। एक गंभीर शुरुआत लगती थी और यह बात यूँ सच मालूम पड़ी कि दूसरे साथियों की तरह, मैं लड़कियों को, आमतौर पर ताकने, आवाज देने … Read more

अमरूद का पेड़ | ज्ञानरंजन

अमरूद का पेड़ | ज्ञानरंजन

अमरूद का पेड़ | ज्ञानरंजन – Amarud Ka Ped अमरूद का पेड़ | ज्ञानरंजन घर के सामने अपने आप ही उगते और फिर बढ़ते हुए एक अमरूद के पेड़ को मैं काफी दिनों से देखता हूँ। केवल देखता ही नहीं, इस देखने में और भी चीजें शुमार हैं। तीन-चार साल में बड़े हो जाने, फूलने … Read more

अनुभव | ज्ञानरंजन

अनुभव | ज्ञानरंजन

अनुभव | ज्ञानरंजन – Anubhav अनुभव | ज्ञानरंजन 1970 की गर्मियों का प्रारंभ था। गंगा के मैदान में गर्मियों के बारे में सभी जानते हैं। यहाँ पर मौसम का विशेष कुछ तात्‍पर्य नहीं है सिवाय इसके कि एक लंबे अंतराल के बाद मैं अपने शहर में लौट आया और वह संयोग से लपटवाले दिन थे। … Read more