व्यापारी | गुलाब सिंह व्यापारी | गुलाब सिंह दलित मलिन बस्ती कोफूल से सजाओराजा की आ रही सवारी। नहर की नई बंधीखोलेंगेबस्ती वालेमुखड़ा धो लेंगेजाएँगे राज महलसपने लेलौटेंगे लेकर त्योहारी। अब की दीवालीजगमग होगीपारो से कतवारोपूछेंगे क्या लोगीअमरीका से उड़करतेल, नून, हल्दी केआएँगे अच्छे व्यापारी। आँखों का सुरमाऔर दाँतो की मिस्सीपूस माघ की काफीफागुन की […]
Tag: Gulab Singh
Posted inPoems
मुक्ति | गुलाब सिंह
Posted inPoems
फ्रेम से सौंदर्य | गुलाब सिंह
Posted inPoems
पन्ने तारीखों के | गुलाब सिंह
Posted inPoems
पत्ते | गुलाब सिंह
Posted inPoems
जीवन राग | गुलाब सिंह
Posted inPoems
जल की कहानी | गुलाब सिंह
Posted inPoems
चेहरे गाँवों के | गुलाब सिंह
Posted inPoems
औरत | गुलाब सिंह
Posted inPoems