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चकरघिन्नी | गीतांजलि श्री

चकरघिन्नी | गीतांजलि श्री – Chakaraghinnee चकरघिन्नी | गीतांजलि श्री मैंने फिर कोशिश की। जैसे लेखन में करती हूँ। कि फिर शुरू करूँ तो अब के खत्म कर पाऊँगी। पर इतना ही हुआ कि जहाँ मुड़ना था तन लचपचाया, पल भर को पंजों पर डिगडुग सँभला, और फिर उसी रफ्तार से बढ़ चला। एक फेरा […]