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वर्तमान : अतीत | ब्रजेन्द्र त्रिपाठी

वर्तमान : अतीत | ब्रजेन्द्र त्रिपाठी वर्तमान : अतीत | ब्रजेन्द्र त्रिपाठी कौन कहता हैजिंदगी में घटित नहीं होतेसंयोग ?जीवन में बराबर कुछ… न… कुछअनपेक्षित घटित होता रहता हैजो खरा नहीं उतरताविश्लेषण और तर्कशास्त्र की कसौटी परअगर आप उसकी कोईवस्तुनिष्ठ व्याख्या करना चाहें तोउसके सूत्र आपके हाथों सेफिसल-फिसल जाते हैं बहुत बारआपके जीवन मेंकुछ ऐसा […]