Posted inPoems

हर चीज के भीतर एक | बोरीस पास्तरनाक

हर चीज के भीतर एक | बोरीस पास्तरनाक हर चीज के भीतर एक | बोरीस पास्तरनाक हर चीज के भीतर तकपहुँचना चाहता हूँ मैं।पहुँचना चाहता हूँ उनके सारतत्‍व तककाम में, राहों की खोज मेंहृदय की उथल-पुथल में। पहुँचना चाहता हूँबीते दिनों की सच्‍चाई तक,उनके कारण और मूल तक,उनके आधार और मर्म तक। नियति ओर घटनाओं […]