पतझड़ के पीले पत्तों ने | भगवती चरण वर्मा

पतझड़ के पीले पत्तों ने | भगवती चरण वर्मा

पतझड़ के पीले पत्तों ने | भगवती चरण वर्मा पतझड़ के पीले पत्तों ने | भगवती चरण वर्मा पतझड़ के पीले पत्तों नेप्रिय देखा था मधुमास कभी;जो कहलाता है आज रुदन,वह कहलाया था हास कभी;आँखों के मोती बन-बनकरजो टूट चुके हैं अभी-अभीसच कहता हूँ, उन सपनों मेंभी था मुझको विश्वास कभी । आलोक दिया हँसकर … Read more

आज शाम है बहुत उदास | भगवती चरण वर्मा

आज शाम है बहुत उदास | भगवती चरण वर्मा

आज शाम है बहुत उदास | भगवती चरण वर्मा आज शाम है बहुत उदास | भगवती चरण वर्मा एकाकीपन का एकांतकितना निष्प्रभ, कितना क्लांत । थकी-थकी सी मेरी साँसेंपवन घुटन से भरा अशान्त,ऐसा लगता अवरोधों सेयह अस्तित्व स्वयं आक्रान्त । अंधकार में खोया-खोयाएकाकीपन का एकांतमेरे आगे जो कुछ भी वहकितना निष्प्रभ, कितना क्लांत । उतर … Read more

वसीयत | भगवती चरण वर्मा

वसीयत | भगवती चरण वर्मा

वसीयत | भगवती चरण वर्मा – Vaseeyat वसीयत | भगवती चरण वर्मा जिस समय मैंने कमरे में प्रवेश किया, आचार्य चूड़ामणि मिश्र आंखें बंद किए हुए लेटे थे और उनके मुख पर एक तरह की ऐंठन थी, जो मेरे लिए नितांत परिचित-सी थी, क्‍योंकि क्रोध और पीड़ा के मिश्रण से वैसी ऐंठन उनके मुख पर … Read more

मुगलों ने सल्तनत बख्श दी | भगवती चरण वर्मा

मुगलों ने सल्तनत बख्श दी | भगवती चरण वर्मा

मुगलों ने सल्तनत बख्श दी | भगवती चरण वर्मा – Mugalon Ne Saltanat Bakhsh Dee मुगलों ने सल्तनत बख्श दी | भगवती चरण वर्मा हीरोजी को आप नहीं जानते, और यह दुर्भाग्‍य की बात है। इसका यह अर्थ नहीं कि केवल आपका दुर्भाग्‍य है, दुर्भाग्‍य हीरोजी का भी है। कारण, वह बड़ा सीधा-सादा है। यदि … Read more

प्रायश्चित | भगवती चरण वर्मा

प्रायश्चित | भगवती चरण वर्मा

प्रायश्चित | भगवती चरण वर्मा – Prayashchit प्रायश्चित | भगवती चरण वर्मा अगर कबरी बिल्‍ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी, तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी, तो कबरी बिल्‍ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई … Read more

दो बाँके | भगवती चरण वर्मा

दो बाँके | भगवती चरण वर्मा

दो बाँके | भगवती चरण वर्मा – Do Banke दो बाँके | भगवती चरण वर्मा शायद ही कोई ऐसा अभागा हो जिसने लखनऊ का नाम न सुना हो; और युक्‍तप्रांत में ही नहीं, बल्कि सारे हिंदुस्‍तान में, और मैं तो यहाँ तक कहने को तैयार हूँ कि सारी दुनिया में लखनऊ की शोहरत है। लखनऊ … Read more

इंस्टालमेंट | भगवती चरण वर्मा

इंस्टालमेंट | भगवती चरण वर्मा

इंस्टालमेंट | भगवती चरण वर्मा – Installment इंस्टालमेंट | भगवती चरण वर्मा चाय का प्याला मैंने होंठों से लगाया ही था कि मुझे मोटर का हार्न सुनाई पड़ा। बरामदे में निकल कर मैंने देखा, चौधरी विश्वम्भरसहाय अपनी नई शेवरले सिक्स पर बैठे हुए बड़ी निर्दयता से एलेक्ट्रिक हार्न बजा रहे हैं। मुझे देखते ही वह … Read more