सोने की इस मरी हुई चिड़िया को बेच कर चला जाऊँगा
सोने की इस मरी हुई चिड़िया को बेच कर चला जाऊँगा

तुम देखते रह जाओ
मैं नदी नाले तालाब
शेरशाह सूरी का ग्रांड ट्रंक रोड
नगर निगम की कार पार्किंग
चाँदनी चौक के फव्वारे
सब कुछ बेच कर चला जाऊँगा

मैं चला जाऊँगा बेचकर
अपने गाँव की जमीन जायदाद खेत खलिहान
दुकानों, यहाँ तक कि अपने पूर्वजों के निशान

सब कुछ बेच कर चला जाऊँगा एक दिन
तुम देखते रहना बस चुपचाप

तंग आ गया हूँ
इस देश की बढ़ती गरीबी से
परेशान हो गया हूँ
नित्य नए घोटाले से

मेरी नींद जाती रही
जाता रहा मेरा चैन
इसलिए मैंने तय कर लिया है
अपने घर का सारा सामान पैक कर चला जाऊँगा
पर जाने से पहले
इस देश तो पूरे तरह बेचकर जाऊँगा

मैं ठहरा एक ईमानदार आदमी
नहीं तो बेच देता मैं अब तक कुतुबमीनार
अगर मिल जाता मुझे कोई खरीददार
बेच देता चार‌मीनार
इंडिया गेट, चंडीगढ़ का रॉक गार्डन, मैसूर का पैलेस
आखिर इन चीजों से हमें मिलता ही क्या है
नहीं होता अगर इनसे कोई उत्पादन
नहीं बढ़ता जी.डी.पी.
नहीं घटती मुद्रा स्फीति
तो बेच ही देना चाहिए
बाबा फरीद और बुल्ले शाह के गीत
बहादुर जफर का उजड़ा दयार, टीपू की तलवार

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मैं धर्मनिरपेक्ष हूँ
नहीं तो कब का बेच देता
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर
बाबरी मस्‍जिद जो ढहा दी गई
पुरी या कोणार्क का मंदिर
सोमनाथ या काशी विश्‍‍वनाथ का मंदिर

लेकिन नहीं बेचा अब तक
पर मैंने सोच लिया है
अगर तुम लोग करोगे मुझे नाहक परेशान
उछालोगे कीचड़ मेरी पगड़ी पर
तो मैं इस देश की आत्मा को ही बेच कर चला जाऊँगा

है इस देश में इतना भ्रष्‍‍‍टाचार
तो मैं क्या करूँ
है इस देश में इतना कुपोषण
तो मैं क्या करूँ
है इस देश में इतना शोषण
तो मैं क्या करूँ

अधिक से अधिक एफ.डी.आई. ही तो ला सकता हूँ
बेच सकता हूँ भोपाल का बड़ा ताल
नर्मदा नदी पर बाँध
पटना का गोलघर
लहेरिया सराय में अशोक की लाट
कन्या कुमारी में विवेकानंद रॉक
बंकिम की दुर्गेशनंदिनी
टैगोर का डाकघर
वल्लोत्तोल की मूर्ति
बेलूर मठ
दीवाने गालिब

अगर इन चीजों के बेचने से बढ़े विदेशी मुद्रा भंडार
तो हर्ज क्या है
बताओ, इस मुल्क के रोग का मर्ज क्या है
क्या हर्ज है
यक्षिणी की मूर्ति बेचने में
कालिदास को बेचने में
भवभूति के नाटकों को बेचने में
हीर राँझा और सोहनी महिवाल
और देवदास को बेचने में

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मैं इस देश को उबारने में लगा हूँ
संकट की इस घड़ी में
जब अर्थव्यवस्‍था पिघल रही है
पर तुम समझते ही नहीं
लेकिन तुम फौरन बयान देते हो मेरे खिलाफ

मैं तो इस देश के भले के लिए ही
इस देश को बेच रहा हूँ

अपने मोहल्ले में पान की गुमटी
किराना स्टोर को बेच दिया

बेच रहा हूँ कोयले की खान
स्टील के प्लांट
कपड़े की मिल
ताकि तुम्हारे बच्‍चे कुछ लिख पढ़ सकें
ताकि तुम्हारे दवा दारू का हो सके इंतजाम

न करो तुम इस तरह आत्महत्याएँ

पर तुम कहते हो कि मैं नई ईस्ट इंडिया कंपनी ला रहा हूँ
देश को गुलाम बना रहा हूँ
आजादी का ये जज्बा ही है कि मैं बेच रहा हूँ
क्योंकि आजादी से हमें नहीं मिली आजादी दरअसल
सचमुच, मैं तुम्हारे तर्क, विरोध,

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प्रर्दशन
जुलूस, धरने और जल सत्याग्रह से आजिज आ गया हूँ

78 साल की उम्र में पेसमेकर लगा कर चल रहा हूँ
डायबिटीज का मरीज हो गया हूँ
चश्मे का नंबर बढ़ता जा रहा हर साल
घुटने होते जा रहे मेरे खराब

मेरा क्या है
अगर तुम लोग मुझे रहने नहीं दोगे
अपने देश में
तो मैं वहीं चला जाऊँगा
जहाँ से आया हूँ सेवानिवृत्त हो कर

तुम लोग ही भूखे मरोगे
सोच लो
मुझे अपने जाने से ज्यादा चिंता है तुम्हारी
इसलिए
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर
मैं पहले आर्यावर्त
फिर भारत को बेच कर चला जाऊँगा
देखता हूँ तुम लोग कैसे रहते हो इंडिया में

तुम लोग पड़े रहो इस गटर में जहालत में
जब तक तुम्हारी टूटेगी नींद
जागोगे मेरे खिलाफ
लामबंद होगे
मैं इस सोने की मरी हुई चिड़िया को बेच कर चला जाऊँगा
दूर बहुत दूर…

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