अपनी यात्रा की तारीख
आगे बढ़ाना
तुम्हारे (उसके) रास्ते के पीछे से
वह
अपनेपन में भरती है मुझे
फिर से
जगाने के लिए
प्यार की सुगंध बिछाती है,
मेरे खाली मन में
वह ! तुम थी
साँसों में चमक के लिए
गहराई से पुनर्जन्म देनेवाली
तुम्हारी मुस्कुराहट की खुखू
मुझे तुम्हारे पर समेटती-सहेजती है
मैं तुम्हें घर ले जाता हूँ
अपनी स्मृतियों और विचारों की
झोली में भरकर
और मैं इस काबिल नहीं कि
मित्रता के तुम्हारे अपनेपन के अंतरंग स्पर्श के चिह्नों को
तरुणाई के साध और सकेल सकूँ
खिलते हुए तुम्हारे,
गुलाबी ओठों से आते हुए
नाजुक कहे की साँसें
हिलाती है मुझे
सूर्य और हवा
झर आए मुझ तक
दूर की आवाज
अब कितना नजदीक है
मेरे बगल में खड़ी
लेकिन मेरी हर छाया से बेखबर
वह कोमलतम
उत्तेजित और सघन
जल
हवा
रोशनी
बदलती है तुम्हारी तरह
जैसे बदलता मैं
हम
हरेक की चेतना में
जगाएँगे ये शब्द-
कि झूठ और असत्य को
ललकारेंगे हम
सबके बीच में
निकट