रोशनी के लिए
रोशनी के लिए

अगर किसी वृक्ष में
ना कंद – ना मूल
ना फल – ना फूल
और न छाया

फिर भी वे
जीते हैं अपनी मृत्यु
अपना जन्म
ईंधन बनकर
किसी की रोटी के लिए
सबकी रोशनी के लिए

See also  पृथ्वी के पन्नों पर मधुर गीत | आरसी चौहान

Leave a comment

Leave a Reply