प्रतिभाएँ अपनी ही आग में | अविनाश मिश्र
प्रतिभाएँ अपनी ही आग में | अविनाश मिश्र

प्रतिभाएँ अपनी ही आग में | अविनाश मिश्र

प्रतिभाएँ अपनी ही आग में | अविनाश मिश्र

कोई इलाहाबाद का था
यह उसके लिए बहुत था
कोई ‘सिंह’ था
यह उसकी सबसे बड़ी योग्यता थी
वह इसे नाम के आगे लगाए या न लगाए

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सब इस तरह अपने-अपने
जनपदीय और जातीय वैभव में
बहुत और योग्य थे

जबकि बहुत सारे योग्य लोग
सिर्फ इस वजह मार दिए जाते थे
क्योंकि वे इनकार करते थे

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