ऊष्मा | प्रमोद कुमार तिवारी ऊष्मा | प्रमोद कुमार तिवारी (शमशेर की याद में) उस रात कँपकँपाती ठंडजो कुहरे के डर सेतेरे आँचल में दुबक गई थीआज इस शीतलहरी मेंमुझे गर्मी दे रही है।