मुसाफिर | अनिल कुमार पुरोहित मुसाफिर | अनिल कुमार पुरोहित परियों के देश सेजब भी आता वह –पिश्ते, बादाम, खजूर के साथकथा परियों की सुनाता जाता। आजकल बड़ा उदास रहता वहपूछो तो –मुठ्ठी भर रेत उड़ाता औररूह तक मेरीरुला जाता।