चिड़ियों की पुकार पर
मैं खड़ा हूँ उनके सामने
वर्तमान की तरह
सुबह के कोहरे की रोशनी में
छुप जाती है मेरी पहचान की आकृति
लेकिन खून की लकीर है
मेरी हथेली में
चिड़ियों की गुहार में
मैं उपस्थित हूँ-जीवित
यदि तुम
कम-से-कम
मुझे सुनने की कोशिश करो
चिड़ियों की पुकार पर
मैं खड़ा हूँ उनके सामने
वर्तमान की तरह
सुबह के कोहरे की रोशनी में
छुप जाती है मेरी पहचान की आकृति
लेकिन खून की लकीर है
मेरी हथेली में
चिड़ियों की गुहार में
मैं उपस्थित हूँ-जीवित
यदि तुम
कम-से-कम
मुझे सुनने की कोशिश करो