माँ की याद | मनीषा जैन माँ की याद | मनीषा जैन लेटा रहूँगाखेत की माटी मेंबान की खाट परतालाब, नदी के मुहानों पर झूलता रहूँगागाँव के झूलों परजैसे माँ की गोद मेंझूल रहा हूँये सब चीजेंमुझे माँ की याद दिलाती रहेंगी।