उसने अपनी भाषा को किया नरम,
दूब सा –
उसने अपनी हथेली को किया
फूल सा –
उसने छुपा लिया अपने ही भीतर
अपना सारा असला –
वह आँखों में लाई आँज कर
एक प्रतिसंसार गहरा –
वह स्त्री थी प्रेम में,
खिल रही थी काँटो भरी बेल में।
उसने अपनी भाषा को किया नरम,
दूब सा –
उसने अपनी हथेली को किया
फूल सा –
उसने छुपा लिया अपने ही भीतर
अपना सारा असला –
वह आँखों में लाई आँज कर
एक प्रतिसंसार गहरा –
वह स्त्री थी प्रेम में,
खिल रही थी काँटो भरी बेल में।