इस शहर में अनगिनत इमारतें हैंदरवाजे हैंलोग निकलते हैं उनसे हर सुबहशाम को घुस जाते हैं वापसउनके पास सोचने का समय नहींनिर्णय का अधिकार नहींइस शहर का जो सबसे ताकतवर आदमी हैवह भी ऐसा ही हैसारे निर्णय उसी दिन ले लिए गए थेजिस दिन यह शहर बना था। READ विष बुझी हवाएँ | यश मालवीय