गलियाँ हमारे संसार की पहुँच हैंसुलझा देती हैंबात की तरह कठिनाई हमारी भाषा का वैभवगलियों से हीबढ़ा है बरहमेश संबंधों को सिरजती-सँवारतीछूट गए को मिला ही देती हैंकभी-कभारदेती हैं दुर्गम से उबारपार हुआ तोगलियों का ही नाम लूँगा।