चुप्पी की संस्कृति | रेखा चमोली
चुप्पी की संस्कृति | रेखा चमोली

चुप्पी की संस्कृति | रेखा चमोली

चुप्पी की संस्कृति | रेखा चमोली

पड़े लिखे समझदार लोग
सीधे सीधे न नहीं कहते
न ही उँगली दिखाकर दरवाजे की ओर इशारा करते हैं
वे तो बस चुप्पी साध लेते हैं
आपके आते ही व्यस्त होने का दिखावा करने लग जाते हैं
आपके लायक कोई काम नहीं होता उनके पास
चुप्पी समझदारी है हमेषा
आप पर कोई आरोप नहीं लगा सकता ऐसा वैसा कहने का
ज्यादा पूछने पर आप कह सकते हैं
मैंने क्या कहा?
ये चुप्पी की संस्कृति जानलेवा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *