चाँद चल रहा है

सच्चाई जो भी हो
चाँद चलने की बात ही अच्छी

गर्मी और घुटन के बीच
कहीं दुनिया लेटी है चुपचाप
जैसे गर्मी पर दुनिया को लिटाकर
किसी ने ऊपर से घुटन रख दी हो

बादलों को चीरती है चाँदनी
और खुशबू बनकर गिर पड़ती है
छतों पर, पेड़ों पर, पहाड़ों पर
हर ऊँची चीज पर
जो घुटने से ऊपर उठ आई है

See also  मैं अहिल्या नहीं बनूँगी | अंजू शर्मा

दुनिया वैसी ही लेटी है चुपचाप
बादल रुके हैं
चाँद चल रहा है।

Leave a Reply

%d bloggers like this: