बगुले1
बगुले1

रोपनी के लिए आई मजूरिनों से उनका पुराना नाता है
अक्सर उनकी हरकत का पता तब चलता है
जब उड़ जाते हैं करके शिकार

पानी में ताल में मछली के इंतजार में ध्यानमग्न
हल के पीछे-पीछे भैंसों के आसपास
घास में दुबके कीड़े-मकोड़ों पर नजर,

नके लिए जैसे हर तरफ आहार
और कोई नहीं करता बगुलों का शिकार

See also  बिखरने का सौंदर्य | प्रतिभा कटियारी

इस इलाके में कुछ बगुले बाकायदा जमाते हैं कारोबार
बोली बानी बिकने लायक ठीक-ठाक विचार
नाना रूप ताल-तिकड़म फाँसने की युक्तियाँ हजार
जल हो थल हो भक्ति या संसार
सब कुछ मिल जाता है जैसे जन्मसिद्ध अधिकार

Leave a comment

Leave a Reply