दुआर के इस कोने परएक बच्ची नेअभी-अभी बनाया हैअपना घर बच्ची का घरबच्ची जितना सुंदरऔर है अस्त-व्यस्तभरे है वह अपने भीतरबच्ची जितना बचपनमगनमन बच्चियाँ जिसमेंबना रही हैंमाटी के छप्पन व्यंजन!