मैं गीत गाना चाहता हूँ | अनुज लुगुन
मैं गीत गाना चाहता हूँ | अनुज लुगुन

मैं गीत गाना चाहता हूँ | अनुज लुगुन

मैं गीत गाना चाहता हूँ | अनुज लुगुन

मैं घायल शिकारी हूँ
मेरे साथी मारे जा चुके हैं
हमने छापामारी की थी
जब हमारी फसलों पर जानवरों ने धावा बोला था
हमने कारवाई की उनके खिलाफ
जब उन्होंने मानने से इनकार कर दिया कि
फसल हमारी है और हमने ही उसे जोत-कोड़ कर उपजाया है
हमने उन्हें बताया कि
कैसे मुश्किल होता है बंजर जमीन को उपजाऊ बनाना
किसी बीज को अंकुरित करने मे कितना खून जलता है

हमने हाथ जोड़े, गुहार की
लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे कि
फसल उनकी है,
फसल जिस जमीन पर खडी है वह उनकी है
और हमें उनकी दया पर रहना चाहिए

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हमें गुरिल्ले और छापामार तरीके खूब आते हैं
लेकिन हमने पहले गीत गाए
माँदर और नगाड़े बजाते हुए उन्हें बताया कि देखो
फसल की जड़ें हमारी रगों को पहचानती हैं,
फिर हमने सिंगबोंगा से कहा कि
वह उनकी मति शुद्ध कर दे
उन्हें बताए कि फसलें खून से सिंचित हैं,

और जब हम उनकी सबसे बड़ी अदालत में पहुँचे
तब तक हमारी फसलें रौंदी जा चुकी थीं
मेरा बेटा जिसका बियाह पिछ्ले ही पूर्णिमा को हुआ था
वह अपने साथियों के साथ सेंदेरा के लिए निकल पड़ा

यह टूटता हुआ समय है
पुरखों की आत्माएँ, देवताओं की शक्ति क्षीण होती जा रही हैं
हमारी सिद्धियाँ समाप्त हो रही हैं
सेंदेरा से पहले हमने
शिकारी देवता का आह्वान किया था लेकिन
हम पर काली छायाएँ हावी रहीं
हमारे साथी शहीद होते गए

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मैं यहाँ चट्टान के एक टीले पर बैठा
फसलों को देख रहा हूँ
फसलें रौंदी जा चुकी हैं
मेरे बदन से लहू रिस रहा है
रात होने को है और
मेरे बच्चे, मेरी औरत
घर पर मेरा इंतजार कर रही हैं
मैं अपने शहीद साथियों को देखता हूँ
अपने भूखे बच्चों और औरतों को देखता हूँ
पर मुझे अफसोस नहीं होता
मुझे विश्वास है कि
वे भी मेरी खोज में इस टीले तक एक दिन जरूर पहुँचेंगे

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मैं उस फसल का सम्मान लौटाना चाहता हूँ
जिसकी जड़ों में हमारी जड़ें हैं
उसकी टहनियों में लोटती पंछियों को घोंसला लौटाना चाहता हूँ
जिनके तिंनकों में हमारा घर है
उस धरती के लिए बलिदान चाहता हूँ
जिसने अपनी देह पर पेड़ों के उगने पर कभी आपत्ति नहीं की
नदियों को कभी दुखी नहीं किया
और जिसने हमें सिखाया कि
गीत चाहे पंछियों के हों या जंगल के
किसी के दुश्मन नहीं होते

मैं एक बूढा शिकारी
घायल और आहत
लेकिन हौसला मेरी मुट्ठियों में है और
उम्मीद हर हमले में
मैं एक आखिरी गीत अपनी धरती के लिए गाना चाहता हूँ…

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