नॉर्मल | अंकिता आनंद
नॉर्मल | अंकिता आनंद

नॉर्मल | अंकिता आनंद

नॉर्मल | अंकिता आनंद

मेहमानों के लिए खाने में क्या बनेगा, 
इसके अलावा कोई और बात न करनेवाले 
मेरे अंकल-आँटी नॉर्मल थे। 
मेरी दोस्त का फ्रॉक 
उठाकर देखनेवाले 
उसके पड़ोसी अंकल भी नॉर्मल थे। 
अपने बच्चों की किताब में 
“ड” से “डर” वाले पन्ने पर जिनकी फोटो प्रकट होती थी 
वो पापा नॉर्मल थे। 
डैडी की पसंद की कंपनी में काम करता 
कभी ना मुस्कुराने वाला 
लड़का बिलकुल नॉर्मल था। 
तलाक से बेहतर 
पिटाई को माननेवाली 
बहू बहुत नॉर्मल थी। 
मानवता से बढ़कर 
मानचित्र को समझने वाली 
जनता भी फुल्टू नॉर्मल थी। 
कातिल को सरगना चुनकर 
उसे कंधे पर घुमानेवाले 
लोग सौ टका नॉर्मल थे।

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ज़रा चेक करें, 
कहीं आपका नॉर्मल लीक तो नहीं कर रहा?

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