उसके हाथ में थपकी और लोरी है
जहाँ हमारी नींद
बसती है
उसके हाथ में स्वाद है
जो हमारी रोटियों में
मिठास बनकर आया है
उसके हाथ में जन्मान्तरों का दुख है
जो इस जीवन में भी
साथ आया है
उसके हाथ में नए बीज हैं
जिन्हें वह अपनी कोख में
पनपाएगी
उसके हाथ में मेरा सूर्य है
जिससे मुझे दिन-लाभ
हुआ है
उसके हाथ में यहाँ का सब कुछ है
पर खुद वह
उसके हाथ में
कहाँ है?