तीन नंगे बच्चे | अंजना वर्मा
तीन नंगे बच्चे | अंजना वर्मा

तीन नंगे बच्चे | अंजना वर्मा

तीन नंगे बच्चे | अंजना वर्मा

तीन नंगे बच्चे
हाथों में कुछ मछलियाँ टाँगे
गुजर रहे हैं मेले से
दोनों ओर सजी हुई दुकानें हैं
तरह-तरह के खिलौने बिक रहे हैं
आँखें चिपक जाती हैं उनसे
बच्चों की ही नहीं बूढ़ों की भी
लेकिन वे तेजी से चले जा रहे हैं
एक बार भी अगल-बगल नहीं देखते
उनका उस गली से गुजरना
अनपढ़ की आँखों के आगे
किताब के पन्नों का खुला होना है
ये व्यस्त हैं
बातें करतें हुए तेजी से जा रहे हैं
एक जगह रुकते हैं
तीन भूरे बालों वाले सिर
एक साथ मिलते हैं
वे झुककर पॉलिथीन के अंदर
झाँकने लगते हैं
उसमें बंद मछलियों को
आपस में बाँट लेने के लिए

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *