धर्म सिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आई कि मैं बूढ़ी होती जाती हूँ, मरने से पहले एक बार तुम्हें देखने की अभिलाषा है, यहाँ आकर मुझे विदा कर आशीर्वाद लो और क्रिया कर्म करके आनंदपूर्वक नौकरी पर लौट जाना। तुम्हारे वास्ते मैंने एक कन्या खोज […]
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मूर्ख सुमंत
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मनुष्य का जीवन आधार क्या है
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प्रेम में परमेश्वर
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ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार
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दो वृद्ध पुरुष
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