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किराये का इंद्रधनुष

बंबई की बरसात भी बस! मुसीबत ही है। कहाँ तो सोचा था कि इन दो-तीन दिनों में पूरी बंबई घूमूँगा। इस मायानगरी को खुद अपनी आँखों से देखूँगा, जानूँगा और कहाँ फँसा पड़ा हूँ इस गेस्ट रूम में। जब से यहाँ आया हूँ, यह झड़ी जो लगी है, रुकने का नाम ही नहीं ले रही। […]