खानू हज्जाम सैलून में बाल काट रहा था, तब नेशनल गार्ड परेड करते जा रहे थे—चप रास्त…चप रास्त (लेफ्ट-राईट) चप-चप-चप-रास्त चप-रास्त…खाकी वर्दी पहने अच्छे जवान, पसीने से तर, बेहपरवाह, मगरूर और मजबूत। बाल कटवाकर शामदास सेठ ने उस तरफ देखा। उसके चेहरे पर भय, बेबसी और नफरत के चिह्न दिखाई पड़े—खानू, वह जो चाँद-तारे का […]