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जनपथ पर धूप

तरल पिचू के बिस्तर परसोई है धूपपवन फरार है। चौड़ी सड़क पर ऐश के लिएकट चुके मुरबी श्रेणी के पेड़अब किस की खातिर। तनिक असावधान हो देखोजनपथ दिखता नदी-सादेखो किसी गाँव की औरत-सीकैसे ब्लाउज खोलदुपहर की निर्जन पोखर में नहा रहीजनपथ की धूप (ओह कितनी गोरी) ! पैदल लोगों को लाल आँख तरेरभगा दिया उन्हें […]