‘मजहब दरअस्ल बड़ी चीज है। तकलीफ में, मुसीबत में, नाकामी के मौके पर जब हमारी अक्ल काम नहीं करती और हमारे होश गायब होने को होते हैं, जब हम एक जख्मी जानवर की तरह चारों तरफ डरी हुई, लाचार नजरें दौड़ाते हैं, उस वक्त वह कौन-सी ताकत है जो हमारे डूबते हुए दिल को सहारा […]
Tag: Sajjad Zaheer
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नींद नहीं आती
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जन्नत की बशारत
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