हलाल की मुर्गी | राम सेंगर हलाल की मुर्गी | राम सेंगर यह हलाल की मुर्गीकब तक खैर मनाए जान की।कब गर्दन पर पड़े गँड़ासामर्जी है भगवान की। धर्म न नैतिकता सत्ता कीबजे हुक्मनामों की तूतीजनादेश के ढोल-मजीरेजनता यहाँ पाँव की जूतीदिए-लिए की पंचायत हैपौ बारह परधान की। पगड़ी उछले है गरीब कीन्याय अमीरों की […]
Ram Sengar
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हुई कुल्हाड़ी लाल | राम सेंगर
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बची एक लोहार की | राम सेंगर
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चुपचाप दुख | राम सेंगर
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इस दहलीज पर | राम सेंगर
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नए दौर में | राम सेंगर
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