हँसो हँसो जल्दी हँसो | रघुवीर सहाय

हँसो हँसो जल्दी हँसो | रघुवीर सहाय

हँसो हँसो जल्दी हँसो | रघुवीर सहाय हँसो हँसो जल्दी हँसो | रघुवीर सहाय हँसो हँसो जल्दी हँसोहँसो तुम पर निगाह रखो जा रही हेहँसो अपने पर न हँसना क्योंकि उसकी कड़वाहटपकड़ ली जाएगी और तुम मारे जाओगेऐसे हँसो कि बहुत खुश न मालूम होवरना शक होगा कि यह शख्स शर्म में शामिल नहींऔर मारे … Read more

हमारी हिंदी | रघुवीर सहाय

हमारी हिंदी | रघुवीर सहाय

हमारी हिंदी | रघुवीर सहाय हमारी हिंदी | रघुवीर सहाय हमारी हिंदी एक दुहाजू की नई बीवी हैबहुत बोलनेवाली बहुत खानेवाली बहुत सोनेवाली गहने गढ़ाते जाओसर पर चढ़ाते जाओ वह मुटाती जाएपसीने से गंधाती जाए घर का माल मैके पहुँचाती जाए पड़ोसिनों से जलेकचरा फेंकने को ले कर लड़े घर से तो खैर निकलने का … Read more

सोचने का परिणाम | रघुवीर सहाय

सोचने का परिणाम | रघुवीर सहाय

सोचने का परिणाम | रघुवीर सहाय सोचने का परिणाम | रघुवीर सहाय कष्ट के परिणाम से हम दूसरों से क्या बड़े होंगेव्यथा को भुलाने में अकेले हम कौन ऐसा तीर मारेंगेभले ही चूकने में या निशाना साधने में हुनर दिखला लेंतथा यह भीकि हरदम सोचते रहना किसी की शुद्धता उत्कृष्टता का नहीं लक्षण हैगधा भी … Read more

रामदास | रघुवीर सहाय

रामदास | रघुवीर सहाय

रामदास | रघुवीर सहाय रामदास | रघुवीर सहाय चौड़ी सड़क गली पतली थीदिन का समय घनी बदली थीरामदास उस दिन उदास थाअंत समय आ गया पास थाउसे बता, यह दिया गया था, उसकी हत्या होगी धीरे धीरे चला अकेलेसोचा साथ किसी को ले लेफिर रह गया, सड़क पर सब थेसभी मौन थे, सभी निहत्थेसभी जानते … Read more

मेरी स्त्री | रघुवीर सहाय

मेरी स्त्री | रघुवीर सहाय

मेरी स्त्री | रघुवीर सहाय मेरी स्त्री | रघुवीर सहाय प्यारे दर्शको, यह जो स्त्री आप देखते हैं सो मेरी स्त्री हैइसकी मुझसे प्रीति है । पर यह भी मेरे लिए एक विडम्बना हैक्योंकि मुझे इसकी प्रीति इतनी प्यारी नहींजितनी यह मानती है कि है । यह सुंदर है मनोहारी नहीं,मधुर है, पर मतवाली नहीं, … Read more

मेरा जीवन | रघुवीर सहाय

मेरा जीवन | रघुवीर सहाय

मेरा जीवन | रघुवीर सहाय मेरा जीवन | रघुवीर सहाय मेरा एक जीवन हैउसमें मेरे प्रिय हैं, मेरे हितैषी हैं, मेरे गुरुजन हैंउसमें कोई मेरा अनन्यतम भी है पर मेरा एक और जीवन हैजिसमें मैं अकेला हूँजिस नगर के गलियारों, फुटपाथ, मैदानों में घूमा हूँहँसा खेला हूँउसके अनेक हैं नागर, सेठ, म्युनिस्पलम कमिश्नर, नेताऔर सैलानी, … Read more

मेरे अनुभव | रघुवीर सहाय

मेरे अनुभव | रघुवीर सहाय

मेरे अनुभव | रघुवीर सहाय मेरे अनुभव | रघुवीर सहाय कितने अनुभवों की स्मृतियाँये किशोर मुँह जोहते हैं सुनने कोपर मैं याद कर पाता हूँ तो बताते हुए डरता हूँकि कहीं उन्हें पथ से भटका न दूँमुझे बताना चाहिए वह सबजो मैंने जीवन में देखा समझापरंतु बहुत होशियारी के साथमैं उन्हें अपने जैसा बनने से … Read more

मत पूछना | रघुवीर सहाय

मत पूछना | रघुवीर सहाय

मत पूछना | रघुवीर सहाय मत पूछना | रघुवीर सहाय मत पूछना हर बार मिलने पर कि ‘कैसे हैं’सुनो, क्या सुन नहीं पड़ता तुम्हें संवाद मेरे क्षेम कालो, मैं समझता था कि तुम भी कष्ट में होंगीतुम्हें भी ज्ञात होगा दर्द अपने इस अधूरे प्रेम का अतुकांत

बिखरना | रघुवीर सहाय

बिखरना | रघुवीर सहाय

बिखरना | रघुवीर सहाय बिखरना | रघुवीर सहाय कुछ भी रचो सब के विरुद्ध होता हैइस दुनिया में जहाँ सब सहमत हैंक्या होते हैं मित्र कौन होते हैं मित्रजो यह जरा-सी बात नहीं जानतेअकेले लोगों की टोलीदेर तक टोली नहीं रहतीवह बिखर जाती है रक्षा की खोज मेंरक्षा की खोज में पाता है हर एक … Read more

बेटे से | रघुवीर सहाय

बेटे से | रघुवीर सहाय

बेटे से | रघुवीर सहाय बेटे से | रघुवीर सहाय टूट रहा है यह घर जो तेरे वास्ते बनाया थाजहाँ कहीं हो आ जाओ … नहीं यह मत लिखोलिखो जहाँ हो वहीं अपने को टूटने से बचाओ हम एक दिन इस घर से दूर दुनिया के कोने में कहींबाँहें फैला कर मिल जाएँगे