Posted inPoems

सलप का पेड़ | प्रीतिधारा सामल

सलप का पेड़ | प्रीतिधारा सामल सलप का पेड़ | प्रीतिधारा सामल कितनी है उमर उसकी मैं नहीं जानती– होश सँभाला तब से देखती आई,आकर्षित कियाउसने सपने भरे, पुलकित कियाऔर किया विमोहितवही खड़ी है आकाश संग आमने-सामनेजड़ें फैल गई अतल पाताल तककिस दधीचि की हड्डियों से बनी उसकी मज्जाकि कितने झड़, तूफान, वात्या में किरच […]