शरणागत | ओमा शर्मा – Sharanagat शरणागत | ओमा शर्मा सर्व धर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्व सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:। (गीता : अध्याय 18, श्लोक 66) ( समस्त प्रकार के धर्म का परित्याग कर मेरी शरण में आ जा। मैं समस्त पापों से तेरा उद्धार कर दूँगा। डर मत।) वैसे बबली ने फोन पर […]
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