मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए

मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए

मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए मेरे बालों में, हालाँकि ये बढ़ते जा रहे हैंइनकी जड़ों में मैं हूँ, तथापिधरती की तरह मैंदुनिया के केंद्र में कोमल हूँ मैं अपनी यादों को एक तंबू में रखती हूँमेरी आँखे गायब होती जा रही हैंजैसे … Read more

मुझ से पहले वहाँ केवल रेगिस्तान थे | मस्सेर येनलिए

मुझ से पहले वहाँ केवल रेगिस्तान थे | मस्सेर येनलिए

मुझ से पहले वहाँ केवल रेगिस्तान थे | मस्सेर येनलिए मुझ से पहले वहाँ केवल रेगिस्तान थे | मस्सेर येनलिए वे मेरी देह को लाश की तरह खा रहे थे… मैंने देखालेकिन यह नहीं कहा कि ‘मेरे लिए जमीन लाओ’अपने को आग के आस पास पायामैंने जमीन में जाते वक्त अपने को मोड़ लियाउन्होंने अपने … Read more

भीड़ | मस्सेर येनलिए

भीड़ | मस्सेर येनलिए

भीड़ | मस्सेर येनलिए भीड़ | मस्सेर येनलिए भीतर चुप्पा आवाजों केभीतर अँधेरे बिंबों में मैं अपने को पाती हूँ मैं कविता से पूछती हूँ कि मेरे बुदबुदाते दिल में कहीं झाग हैमैं नाम देती हूँ सवाल जो मैं नहीं जानतीउनमें से हरेक जब कि दुख मुक्के कीतरह पड़ता है मेरे सीने पर, मैं पीड़ा … Read more

फूलों का गाँव | मस्सेर येनलिए

फूलों का गाँव | मस्सेर येनलिए

फूलों का गाँव | मस्सेर येनलिए फूलों का गाँव | मस्सेर येनलिए मैंने फूल से सीखा कि किस तरहअपनी जगह खड़ा हुआ जाएमैंने कोई दूसरा सूरज नहीं देखामैंने कोई दूसरा पानी नहीं देखामैंने अपनी जड़े अपने गाँव में पाईंमेरी जमीन ही मेरा आसमान है मौसम मुझ पर से गुजरते हैंचींटियों के घरोंदों के दोस्तमैंने एक … Read more

पीछे | मस्सेर येनलिए

पीछे | मस्सेर येनलिए

पीछे | मस्सेर येनलिए पीछे | मस्सेर येनलिए मैं अपने गमों को ढोती हूँ जैसे एक चींटीदूसरी कोसाँस लेने की कोई मुहलत नहीं! आग की यादेंकिसी जगह सेअपने तकलेकिन कौन सी लंबी! इस पुरानी दुनिया की मेहमानमैं इन पर फूँक मारती हूँ मेरी देह में हवा की मात्राकम हो रही है बाकी दुनियाजो मेरे पीछे … Read more

कभी कभी आदमी मरने से भी थक जाता है | मस्सेर येनलिए

कभी कभी आदमी मरने से भी थक जाता है | मस्सेर येनलिए

कभी कभी आदमी मरने से भी थक जाता है | मस्सेर येनलिए कभी कभी आदमी मरने से भी थक जाता है | मस्सेर येनलिए कभी कभी आदमी मरने से भी थक जाता हैकभी कभी वह सबके द्वारा बेसहारा छोड़ा देश बन जाता हैजैसे कि एक देश सबके द्वारा छोड़ा हुआ, कभी कभी एक औरत चली … Read more

उन्होंने कहा | मस्सेर येनलिए

उन्होंने कहा | मस्सेर येनलिए

उन्होंने कहा | मस्सेर येनलिए उन्होंने कहा | मस्सेर येनलिए भीड़ से टकराते हुए मैंने कहा‘तुम मेरी माँ हो क्या’दरख्त की खोह से पूछाआसमान में बिखरी चिड़ियों से पूछामेरी आँखे ऊपर देखती हैं मेरी जीभ से ऊपर,मेरे हाथों के ऊपर से पुल गुजर रहे हैंमैं किस्से के भीतर हूँमेरे केश किस्से बनाते हैंमैं अपनी पसलियों … Read more

अधिकतर मैं अपने लिए ही अजनबी हूँ | मस्सेर येनलिए

अधिकतर मैं अपने लिए ही अजनबी हूँ | मस्सेर येनलिए

अधिकतर मैं अपने लिए ही अजनबी हूँ | मस्सेर येनलिए अधिकतर मैं अपने लिए ही अजनबी हूँ | मस्सेर येनलिए मेरे लिए, मैं एक अजनबी के साथ रहती हूँ गोया कि मेरे कूदते वह मेरे भीतर से निकल गिर जाएगामैं अपनी गर्दन के नीचे देखती हूँउसके बालों से अपने बाल तकउसके हाथों से अपने हाथ … Read more