मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए
मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए मेरी देह और दुनिया के बीच | मस्सेर येनलिए मेरे बालों में, हालाँकि ये बढ़ते जा रहे हैंइनकी जड़ों में मैं हूँ, तथापिधरती की तरह मैंदुनिया के केंद्र में कोमल हूँ मैं अपनी यादों को एक तंबू में रखती हूँमेरी आँखे गायब होती जा रही हैंजैसे … Read more