चुप्पा आदमी | मदन कश्यप

चुप्पा आदमी | मदन कश्यप

चुप्पा आदमी | मदन कश्यप चुप्पा आदमी | मदन कश्यप आदमी के चुप रहने का मतलब यह तो नहींकि उसके भीतर कोई हलचल नहीं हैफिर भी उन्हें पसंद है चुप्पा आदमी चुप रहने से बाहर सब कुछ शांत रहता हैव्यवस्था उसके चुप रहने का इतना अभ्यस्त होती हैकि उसे बोलने मात्र के लिए सजा दी … Read more

आदिवासी | मदन कश्यप

आदिवासी | मदन कश्यप

आदिवासी | मदन कश्यप आदिवासी | मदन कश्यप ठंडे लोहे-सा अपना कंधा जरा झुकाओहमें उस पर पाँव रख कर लंबी छलाँग लगानी हैमुल्क को आगे ले जाना हैबाजार चहक रहा हैऔर हमारी बेचैन आकांक्षाओं के साथ-साथ हमारा आयतन भी बढ़ रहा हैतुम तो कुछ घटो रास्ते से हटो तुम्हारी स्त्रियाँ कपड़े क्यों पहनती हैंवे तो … Read more

अपना ही देश | मदन कश्यप

अपना ही देश | मदन कश्यप

अपना ही देश | मदन कश्यप अपना ही देश | मदन कश्यप हमारे पास नहीं है कोई पटकथाहम खाली हाथ ही नहींलगभग खाली दिमाग आए हैं मंच परविचार इस तरह तिरोहित हैकि उसके होने का एहसास तक नहीं हैबस सपने हैं जो हैं मगर उनकी भी कोई भाषा नहीं हैकुछ रंग हैं पर इतने गड्डमड्डकि … Read more