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घास | कुलवन्त सिंह विर्क

घास | कुलवन्त सिंह विर्क – Ghas घास | कुलवन्त सिंह विर्क अभी पाकिस्तान बने हुए तीन या चार महीने ही हुए थे। यहां हर चीज उखड़ी-उखड़ी-सी प्रतीत होती थी। थानों और पुलिस चौकियों में सामान के ढेर लगे हुए थे। ट्रंक, पलंग, पलने, मेज, सोफासेट, तस्वीरें सभी अपनी-अपनी जगह से उखड़कर थानों में आ […]