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समझौता | किरण राजपुरोहित नितिला

समझौता | किरण राजपुरोहित नितिला – Samajhauta समझौता | किरण राजपुरोहित नितिला चाबी लगाकर फ्लैट का ताला खोलने लगी कि उसे लगा दरवाजा तो खोला जा चुका है। जय आ गए इतनी जल्दी? मन ही मन बुदबुदाई हर्षा। चिंता सी हुई। घड़ी देखी। काँटे भाग कर पौने छह बजा ने जा रहे थे। ओह! वह […]