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मैंनू लै चले बाबुला लै चले वे | ख़दीजा मस्तूर

मैंनू लै चले बाबुला लै चले वे | ख़दीजा मस्तूर – Mainu Lai Chale Babula Lai Chale Ve मैंनू लै चले बाबुला लै चले वे | ख़दीजा मस्तूर पतली-सी नाली में पानी की धार रेंग रही थी और साबुन का फूला-फूला झाग पानी पर गिलाफ की तरह चढ़ा हुआ मालूम हो रहा था। वह अभी-अभी […]