शेष | केसरीनाथ त्रिपाठी शेष | केसरीनाथ त्रिपाठी क्षितिज के उस पर देखें क्यों अभी हमअभी तो इस पार का जीवन बहुत अवशेष है नयन खुलते ही मिला, आँचल जो उसके स्नेह का‘जीवेम शरदः शतं’ गुंजन है जिसके नेह काआशीर्वचन की उस किरण का प्रस्फुटन बनअंक में माँ के अभी तो कुलबुलाना शेष है दिव्य […]
Tag: Keshari Nath Tripathi
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वेदना के स्वर | केसरीनाथ त्रिपाठी
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राह | केसरीनाथ त्रिपाठी
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बिहान | केसरीनाथ त्रिपाठी
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बंद वातायन | केसरीनाथ त्रिपाठी
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आकांक्षा | केसरीनाथ त्रिपाठी
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