संक्रमण | कामतानाथ
संक्रमण | कामतानाथ – Sankraman संक्रमण | कामतानाथ एक : बयान पिता कहो तो स्टांप पेपर पर लिखकर दे दूँ, यह घर बरबाद होकर रहेगा, कोई रोक नहीं सकता। जिंदा हूँ इसीलिए देख-देखकर कुढ़ता रहता हूँ। इससे अच्छा था, मर जाता। या फिर भगवान आँखों की रोशनी छीन लेते। वही ठीक रहता। न अपनी आँख … Read more