सॉरी | जिंदर – Sorry सॉरी | जिंदर सॉरी… सॉरी… सॉरी… चीखने के सिवाय मेरे पास कोई दूसरा चारा रहा ही नहीं था। मुझसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ था। आख़िर, कहने-सुनने की भी कोई सीमा होती है। नहीं-नहीं। इसे मेरी कमजोरी नहीं कहा जा सकता। बुजदिली भी नहीं। इतनी जल्दी कोई कैसे निर्णय ले सकता […]
Jinder
Posted inStory
हमज़ाद | जिंदर
Posted inStory
शीतयुद्ध | जिंदर
Posted inStory
शनाख़्त | जिंदर
Posted inStory
रफ़्तार | जिंदर
Posted inStory
बिना वजह तो नहीं | जिंदर
Posted inStory
बलात्कार | जिंदर
Posted inStory
पाप | जिंदर
Posted inStory
दो मिनट और रुक जा | जिंदर
Posted inStory