Posted inPoems

सब के सब नंगे | जय चक्रवर्ती

सब के सब नंगे | जय चक्रवर्ती सब के सब नंगे | जय चक्रवर्ती किसकी कौन कहेहमाम में –सबके सब नंगे ! बहरी राजसभा है सारीअंधा राजा है।बाहर-भीतर बंद महल काहर दरवाजा है।खुशहाली के इश्तहारहर चौखट पर चिपकेयूँ बस्ती की हालत कासबको अंदाजा है। काजल की गंगा मेंगूँज रहीहर-हर गंगे ! मुस्कानों पर अपना नामलिखा […]