विद्रोही के चरणों पर | जनार्दन प्रसाद झा – Vidrohi Ke Charanon Par विद्रोही के चरणों पर | जनार्दन प्रसाद झा आ प चुप क्यों हो मन्त्री जी?’ ‘उत्तर सोच रहा हूँ श्रीमन्’ ‘उत्तर सोचना भी अभी बाकी ही था,’ राजा ने कुछ उदास होकर पूछा–‘मालूम होता है आप इससे सहमत नहीं हैं, क्यों?’ ‘मेरा […]