हाशियों का घर | जगदीश श्रीवास्तव हाशियों का घर | जगदीश श्रीवास्तव अँधेरों के नामकर दी है वसीयतहाशियों का शहरजब से हो गया है। इश्तहारों-सी टँगी दीवाल पर दहशतहवाओं में जहर अब घुलने लगा हैगली सड़क चौराहे सुनसान रातों मेंएक आदमखोर तम मिलने लगा है इजाजत ये समयअब देता नहीं हैजो बढ़ा आगेकहीं अब खो […]
Jagdish Srivastava
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वक्त की दहलीज पर | जगदीश श्रीवास्तव
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प्रश्नवाचक हाशिए | जगदीश श्रीवास्तव
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